हरियाणा

मुश्किल में राव नरवीर, चुनाव आयोग को शिक्षा पर दी गलत जानकारी पर हाई कोर्ट ने माँगा 15 अक्टूबर तक जवाब

सत्यखबर चंडीगढ़ (ब्यूरो रिपोर्ट) – हरियाणा के PWD मंत्री राव नरबीर मुश्किल में हैं। उनपर आरोप है कि अपनी शिक्षा को लेकर वो लगातार गलत जानकारी देते रहे हैं। हाई कोर्ट ने इस बारे में उन्हें 15 अक्टूबर तक अपना लिखित जवाब देने के आदेश दिए हैं। ये आदेश एक RTI से मिली जानकारी के आधार पर दिए गए हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता हरिंदर ढीगरा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनका कहना था कि उन्होंने 2017 में मंत्री राव नरबीर की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगी थी। उन्हें सूचना नहीं मिली और उन्हें प्रथम अपील दाखिल करनी पड़ी।

1 दिसंबर 2018 को उन्हें राव नरबीर के शपथ पत्रों और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मिली। ढींगरा का कहना है कि राव नरबीर ने चुनाव आयोग के सामने झूठे शैक्षणिक पत्र दाखिल किए है।

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ढींगरा ने बताया कि राव नरबीर ने 2005, 2009 और 2014 में चुनाव लड़े और इस दौरान उन्होंने अपने शपथपत्र दाखिल किए। उन्होंने 2005 में शपथपत्र में बताया कि उन्होंने दसवीं 1976 में उत्तर प्रदेश से की है। 2009 के चुनाव के शपथपत्र में बताया कि उन्होंने दसवीं बिरला विद्या मंदिर, नैनीताल से की है। उन्होंने 1986 में हिंदी साहित्य में हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से ग्रेजुएशन करने की बात कही है।

आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि हिंदी साहित्य सम्मेलन को विश्वविद्यालय या बोर्ड की मान्यता नहीं है और ऐसे में इससे डिग्री लेकर सरकारी नौकरी लगे लोगों को हटाया जाए। इससे पहले याचिकाकर्ता ने गुडगांव कोर्ट में भी यह याचिका दायर की थी। गुडगांव कोर्ट ने उनकी यह याचिका खारिज कर दी थी। अब याची ने हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की। जिसपर हाईकोर्ट ने अब 15 अक्तूबर तक राव नरबीर को लिखित जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।

इधर, राव नरबीर के वकील ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया।

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